कुरान - 33:50 सूरह अल-अहज़ाब हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِيُّ إِنَّآ أَحۡلَلۡنَا لَكَ أَزۡوَٰجَكَ ٱلَّـٰتِيٓ ءَاتَيۡتَ أُجُورَهُنَّ وَمَا مَلَكَتۡ يَمِينُكَ مِمَّآ أَفَآءَ ٱللَّهُ عَلَيۡكَ وَبَنَاتِ عَمِّكَ وَبَنَاتِ عَمَّـٰتِكَ وَبَنَاتِ خَالِكَ وَبَنَاتِ خَٰلَٰتِكَ ٱلَّـٰتِي هَاجَرۡنَ مَعَكَ وَٱمۡرَأَةٗ مُّؤۡمِنَةً إِن وَهَبَتۡ نَفۡسَهَا لِلنَّبِيِّ إِنۡ أَرَادَ ٱلنَّبِيُّ أَن يَسۡتَنكِحَهَا خَالِصَةٗ لَّكَ مِن دُونِ ٱلۡمُؤۡمِنِينَۗ قَدۡ عَلِمۡنَا مَا فَرَضۡنَا عَلَيۡهِمۡ فِيٓ أَزۡوَٰجِهِمۡ وَمَا مَلَكَتۡ أَيۡمَٰنُهُمۡ لِكَيۡلَا يَكُونَ عَلَيۡكَ حَرَجٞۗ وَكَانَ ٱللَّهُ غَفُورٗا رَّحِيمٗا

ऐ नबी! निःसंदेह हमने आपके लिए आपकी वे पत्नियाँ हलाल (वैध) कर दी हैं, जिन्हें आपने उनका महर चुका दिया है, तथा वे लौंडियाँ (भी) जो आपके स्वामित्व में हैं, उन लौंडियों में से जो अल्लाह ने ग़नीमत के धन से आपको[36] प्रदान की हैं। तथा आपके चाचा की बेटियाँ, आपकी फूफियों की बेटियाँ, आपके मामा की बेटियाँ और आपकी मौसियों की बेटियाँ, जिन्होंने आपके साथ हिजरत की है। तथा वह ईमान वाली महिला भी, जो स्वयं को नबी के लिए दान कर दे, यदि नबी उससे विवाह करना चाहे। यह विशेष रूप से आपके लिए है, अन्य ईमान वालों के लिए नहीं। निश्चय ही हम जानते हैं जो कुछ हमने उनपर उनकी पत्नियों तथा उनके स्वामित्व में आई हुई दासियों के संबंध[37] में फ़र्ज़ किया है; ताकि तुमपर कोई तंगी न रहे। और अल्लाह बहुत क्षमा करने वाला, अत्यंत दयालु है।

सूरह अल-अहज़ाब आयत 50 तफ़सीर


36. अर्थात वह दासियाँ जो युद्ध में आप के हाथ आई हों। 37. अर्थात यह कि चार पत्नियों से अधिक न रखो तथा महर और विवाह के समय दो साक्षी बनाना और दासियों के लिए चार का प्रतिबंध न होना एवं सबका भरण-पोषण और सबके साथ अच्छा व्यवहार करना इत्यादि।

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