या उन्हें बेटे-बेटियाँ[33] मिलाकर देता है और जिसे चाहता है बाँझ कर देता है। निश्चय ही वह सब कुछ जानने वाला, हर चीज़ की शक्ति रखने वाला है।
सूरह अश-शूरा आयत 50 तफ़सीर
33. इस आयत में संकेत है कि पुत्र-पुत्री माँगने के लिए किसी पीर, फ़क़ीर के मज़ार पर जाना, उनको अल्लाह की शक्ति में साझी बनाना है। जो शिर्क है। और शिर्क ऐसा पाप है जिसके लिए बिना तौबा के कोई क्षमा नहीं।
सूरह अश-शूरा आयत 50 तफ़सीर