कुरान - 56:3 सूरह अल-वाक़िआ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

خَافِضَةٞ رَّافِعَةٌ

नीचे करने वाली, ऊपर उठाने वाली।[1]

सूरह अल-वाक़िआ आयत 3 तफ़सीर


1. इससे अभिप्राय प्रलय है। जो सत्य के विरोधियों को नीचा करके नरक तक पहुँचाएगी। तथा आज्ञाकारियों को स्वर्ग के ऊँचे स्थान तक पहुँचाएगी। आरंभिक आयतों में प्रलय के होने की चर्चा, फिर उस दिन लोगों के तीन भागों में विभाजित होने का वर्णन किया गया है।

अल-वाक़िआ सभी आयतें

Sign up for Newsletter

×

📱 Download Our Quran App

For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.

Download Now