कुरान - 55:29 सूरह अर-रहमान हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

يَسۡـَٔلُهُۥ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ كُلَّ يَوۡمٍ هُوَ فِي شَأۡنٖ

उसी से माँगता है, जो कोई आकाशों तथा धरती में है। वह प्रतिदिन एक (नए) कार्य में है।[3]

सूरह अर-रहमान आयत 29 तफ़सीर


3. अर्थात वह अपनी उत्पत्ति की आवश्यकताएँ पूरी करता, प्रार्थनाएँ सुनता, सहायता करता, रोगी को निरोग करता, अपनी दया प्रदान करता, तथा अपमान-सम्मान और विजय-प्राजय देता और अनगिनत कार्य करता है।

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