और उन्होंने कहा : तुम अपने पूज्यों को कदापि न छोड़ना, और न कभी वद्द को छोड़ना, और न सुवाअ को और न यग़ूस और यऊक़ तथा नस्र[6] को।
सूरह नूह आयत 23 तफ़सीर
6. ये सभी नूह़ (अलैहिस्सलाम) की जाति के बुतों के नाम हैं। ये पाँच सदाचारी व्यक्ति थे जिनके मरने के पश्चात् शैतान ने उन्हें समझाया कि इनकी मूर्तियाँ बना लो। जिससे तुम्हें इबादत की प्रेरणा मिलेगी। जब इन मूर्तियों को बनाने वाले लोगों की मृत्यु हो गई, तो शैतान ने उनके वंशजों को यह कहकर शिर्क में लिप्त कर दिया कि तुम्हारे पूर्वज उनकी पूजा करते थे, जिनकी मूर्तियाँ तुम्हारे घरों में लटकी हुई हैं। इसलिए वे उनकी पूजा करने लगे। फिर उनकी पूजा अरब तक फैल गई।
सूरह नूह आयत 23 तफ़सीर