कुरान - 12:76 सूरह यूसुफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

فَبَدَأَ بِأَوۡعِيَتِهِمۡ قَبۡلَ وِعَآءِ أَخِيهِ ثُمَّ ٱسۡتَخۡرَجَهَا مِن وِعَآءِ أَخِيهِۚ كَذَٰلِكَ كِدۡنَا لِيُوسُفَۖ مَا كَانَ لِيَأۡخُذَ أَخَاهُ فِي دِينِ ٱلۡمَلِكِ إِلَّآ أَن يَشَآءَ ٱللَّهُۚ نَرۡفَعُ دَرَجَٰتٖ مَّن نَّشَآءُۗ وَفَوۡقَ كُلِّ ذِي عِلۡمٍ عَلِيمٞ

चुनाँचे उसने अपने (सगे) भाई के थैले से पहले, उनके थैलों की तलाशी शुरू की। फिर उसे अपने भाई के थैले से निकाला। इस प्रकार, हमने यूसुफ़ के लिए उपाय किया।[25] वह राजा के नियम के अनुसार अपने भाई को नहीं रख सकते थे, परंतु यह कि अल्लाह चाहे। हम जिसके चाहते हैं, पद ऊँचे कर देते हैं और प्रत्येक ज्ञानवान से ऊपर एक बड़ा ज्ञानवान है।[26]

सूरह यूसुफ़ आयत 76 तफ़सीर


25. उनके भाई बिनयामीन को रोकने के लिए। 26 अर्थात अल्लाह से बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो सकता। इसलिए किसी को अपने ज्ञान पर गर्व नहीं होना चाहिए।

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