उन्होंने कहा : हमने अपने अधिकार से आपके वचन का उल्लंघन नहीं किया, लेकिन लोगों[28] के गहनों का कुछ बोझ हमपर लाद दिया गया था, तो हमने उन्हें फेंक[29] दिया और ऐसे ही सामिरी[30] ने फेंक दिया।
सूरह ता-हा आयत 87 तफ़सीर
28. इससे अभिप्रेत फ़िरऔन की जाति है, जिनके आभूषण उन्होंने उधार ले रखे थे। 29. अर्थात अपने पास रखना नहीं चाहा, और एक अग्नि कुंड में फेंक दिया। 30. अर्थात जो कुछ उसके पास था।
सूरह ता-हा आयत 87 तफ़सीर