कुरान - 2:273 सूरह अल-बकरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

لِلۡفُقَرَآءِ ٱلَّذِينَ أُحۡصِرُواْ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ لَا يَسۡتَطِيعُونَ ضَرۡبٗا فِي ٱلۡأَرۡضِ يَحۡسَبُهُمُ ٱلۡجَاهِلُ أَغۡنِيَآءَ مِنَ ٱلتَّعَفُّفِ تَعۡرِفُهُم بِسِيمَٰهُمۡ لَا يَسۡـَٔلُونَ ٱلنَّاسَ إِلۡحَافٗاۗ وَمَا تُنفِقُواْ مِنۡ خَيۡرٖ فَإِنَّ ٱللَّهَ بِهِۦ عَلِيمٌ

(यह दान) उन निर्धनों के लिए है, जो अल्लाह के मार्ग में रोके गए हैं, धरती में यात्रा नहीं कर सकते[180], अनजान उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने से बचने के कारण धनवान् समझता है, तुम उन्हें उनके लक्षणों से पहचान लोगे, वे लोगों के पीछे पड़कर नहीं माँगते। तथा तुम जो भी धन ख़र्च करोगे, तो निश्चय अल्लाह उसे भली-भाँति जानने वाला है।

सूरह अल-बकरा आयत 273 तफ़सीर


180. इससे सांकेतिक वे मुहाजिर हैं जो मक्का से मदीना हिज्रत कर गए। जिसके कारण उनका सारा सामान मक्का में छूट गया और अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा। परंतु वे लोगों के सामने हाथ फैलाकर भीख नहीं माँगते।

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