इंसानों का बादशाह (मालिक) [3]।
इस आयत में अल्लाह को "इंसानों का बादशाह" कहा गया है — यानी वह हर इंसान का सच्चा हाकिम और मालिक है।
क्योंकि इंसान, खास तौर पर जवानी के दौर में, जज़्बात और बेहोशी में अपनी राह से भटक जाता है, इसलिए उसे क़ानून और अनुशासन की ज़रूरत होती है।
इसी वजह से अल्लाह को “सभी का बादशाह” कहा गया है — जो हुक्म देता है, नियम बनाता है, और सही राह पर ले आता है।
इसका मक़सद यह है कि इंसान अपने मालिक और रब को पहचाने, और उसके हुक्मों के सामने सर झुका दे।
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सूरह अन-नास आयत 2 तफ़सीर