कुरान - 114:4 सूरह अन-नास अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

مِن شَرِّ ٱلۡوَسۡوَاسِ ٱلۡخَنَّاسِ

अनुवाद -

4. उस शख़्स की बुराई से जो (दिलों में) बुरे विचार डालता है [5], फिर पीछे हट जाता है [6]

सूरह अन-नास आयत 4 तफ़सीर


📖 सूरह अन-नास – आयत 4 का हिन्दी अनुवाद और तफ़्सीर

✅ [5] शैतान की फुसफुसाहट: बुरे विचार बनाम नेक प्रेरणाएँ

इस आयत में शैतान का ज़िक्र है जो इंसानों के दिलों में बुरे विचार डालता है। ऐसे बुरे विचारों को "वसवसा" कहा जाता है, जबकि अच्छे विचारों को "इल्हाम" कहा जाता है।
वसवसा यानी बुरी प्रेरणा शैतान की ओर से होती है, और जब ऐसा कोई विचार दिल में आए, तो "ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह" पढ़ना चाहिए — इसका मतलब: "न कोई ताक़त है और न कोई शक्ति, मगर अल्लाह की मदद से ही"

दूसरी ओर, इल्हाम अल्लाह तआला की तरफ़ से फरिश्तों के ज़रिये आता है, और ऐसा विचार आने पर अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए
जब नफ़्स-ए-अम्मारा (हुक्म देने वाला नफ़्स) इंसान पर हावी हो जाता है, तो वो बुरे ख्यालों और बुरे कामों में फँस जाता है।

✅ [6] शैतान का छुपकर दिल पर असर डालना

इस आयत का मतलब यह है कि शैतान ज़ुबान या आवाज़ के ज़रिये नहीं, बल्कि छुपकर दिल में बुरे ख्याल डालता है। वह बुराई को अच्छा बनाकर दिखाता है, ताकि इंसान गुमराह हो जाए।

हालाँकि शैतान इंसान का दुश्मन है, लेकिन वह दोस्ती का चोला पहनकर आता है, और उसकी बातें दिल को लुभाने वाली लगती हैं
अल्लाह तआला हमें शैतान की चालों से महफूज़ रखे।
शैतान हर इंसान की फितरत और उसकी कमज़ोरियों को पहचान कर, उसी के मुताबिक बुरे वसवसे डालता है

अन-नास सभी आयतें

Sign up for Newsletter

×

📱 Download Our Quran App

For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.

Download Now