इंसानों का माबूद (ख़ुदा) [4]।
इस वाक्य से यह स्पष्ट किया गया है कि अल्लाह तआला ही इंसानियत का अकेला पैदा करने वाला और पालनहार (माबूद) है।
"इंसानों का माबूद" कहने का मतलब यह है कि इंसान का वजूद और उसकी भलाई पूरी तरह अल्लाह के हाथ में है।
वह ही है जो हर दौर, हर जगह, और हर हालत में इंसान की रहनुमाई और हिफाज़त करता है।
जब इंसान किसी परेशानी या रूहानी उलझन में फँसता है, तो वह बेइख्तियार अल्लाह की तरफ़ लौटता है, क्योंकि वही आख़िरी और सच्चा सुकून देने वाला ज़रिया है।
For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.
सूरह अन-नास आयत 3 तफ़सीर