और मूसा की जाति के अंदर एक गिरोह ऐसा है, जो सत्य के साथ मार्गदर्शन करता है और उसी के अनुसार न्याय करता है।[58]
सूरह अल-आराफ़ आयत 159 तफ़सीर
58. इससे अभिप्राय वे लोग हैं जो मूसा (अलैहिस्सलाम) के लाए हुए धर्म पर क़ायम थे और आने वाले नबी की प्रतीक्षा कर रहे थे और जब वह आए तो तुरंत आपपर ईमान लाए, जैसे अबदुल्लाह बिन सलाम इत्यादि।
सूरह अल-आराफ़ आयत 159 तफ़सीर