कुरान - 7:184 सूरह अल-आराफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

أَوَلَمۡ يَتَفَكَّرُواْۗ مَا بِصَاحِبِهِم مِّن جِنَّةٍۚ إِنۡ هُوَ إِلَّا نَذِيرٞ مُّبِينٌ

और क्या उन्होंने विचार नहीं किया कि उनके साथी[70] में कोई पागलपन नहीं है? वह तो केवल खुले रूप से सचेत करने वाला है।

सूरह अल-आराफ़ आयत 184 तफ़सीर


70. साथी से अभिप्राय मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं, जिनको नबी होने से पहले वही लोग "अमीन" कहते थे।

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