उन लोगों की मिसाल बहुत बुरी है, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और वे अपने ही ऊपर अत्याचार करते रहे।[66]
सूरह अल-आराफ़ आयत 177 तफ़सीर
66. भाष्यकारों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के युग और प्राचीन युग के कई ऐसे व्यक्तियों का नाम लिया है, जिनका यह उदाहरण हो सकता है। परंतु आयत का भावार्थ बस इतना है कि प्रत्येक व्यक्ति जिसमें ये अवगुण पाए जाते हों, उसकी दशा यही होती है, जिसकी जीभ से माया-मोह के कारण राल टपकती रहती है, और उसकी लोभाग्नि कभी नहीं बुझती।
सूरह अल-आराफ़ आयत 177 तफ़सीर