कुरान - 7:54 सूरह अल-आराफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

إِنَّ رَبَّكُمُ ٱللَّهُ ٱلَّذِي خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ فِي سِتَّةِ أَيَّامٖ ثُمَّ ٱسۡتَوَىٰ عَلَى ٱلۡعَرۡشِۖ يُغۡشِي ٱلَّيۡلَ ٱلنَّهَارَ يَطۡلُبُهُۥ حَثِيثٗا وَٱلشَّمۡسَ وَٱلۡقَمَرَ وَٱلنُّجُومَ مُسَخَّرَٰتِۭ بِأَمۡرِهِۦٓۗ أَلَا لَهُ ٱلۡخَلۡقُ وَٱلۡأَمۡرُۗ تَبَارَكَ ٱللَّهُ رَبُّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

निःसंदेह तुम्हारा पालनहार वह अल्लाह है, जिसने आकाशों तथा धरती को छह दिनों[22] में बनाया। फिर अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ। वह रात से दिन को ढाँप देता है, जो उसके पीछे दौड़ता हुआ चला आता है। तथा सूर्य और चाँद और तारे (बनाए), इस हाल में कि वे उसके आदेश के अधीन किए हुए हैं। सुन लो! सृष्टि करना और आदेश देना उसी का काम[23] है। बहुत बरकत वाला है अल्लाह, जो सारे संसारों का पालनहार है।

सूरह अल-आराफ़ आयत 54 तफ़सीर


22. ये छह दिन शनिवार, रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार हैं। पहले दो दिन में धरती को, फिर आकाश को बनाया, फिर आकाश को दो दिन में बराबर किया, फिर धरती को फैलाया और उसमें पर्वत, पानी और उपज की व्यवस्था दो दिन में की। इस प्रकार यह कुल छह दिन हुए। (देखिए सूरतुस-सजदह, आयत : 9-10) 23. अर्थात इस विश्व की व्यवस्था का अधिकार उसके सिवा किसी को नहीं है।

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