कुरान - 3:65 सूरह आल-ए-इमरान हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

يَـٰٓأَهۡلَ ٱلۡكِتَٰبِ لِمَ تُحَآجُّونَ فِيٓ إِبۡرَٰهِيمَ وَمَآ أُنزِلَتِ ٱلتَّوۡرَىٰةُ وَٱلۡإِنجِيلُ إِلَّا مِنۢ بَعۡدِهِۦٓۚ أَفَلَا تَعۡقِلُونَ

ऐ किताब वालो! तुम इबराहीम के (धर्म के) बारे में क्यों झगड़ते[30] हो? जबकि तौरात और इंजील तो उसके पश्चात ही उतारे गए हैं, तो क्या तुम समझते नहीं?

सूरह आल-ए-इमरान आयत 65 तफ़सीर


30. अर्थात यह क्यों कहते हो कि इबराहीम अलैहिस्सलाम हमारे धर्म पर थे। तौरात और इंजील तो उनके हज़ारों वर्ष पश्चात् अवतरित हुए। तो वह इन धर्मों पर कैसे हो सकते हैं।

Sign up for Newsletter

×

📱 Download Our Quran App

For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.

Download Now