और जिन्होंने कुफ़्र किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वही लोग दोज़ख़ी हैं [50]
इससे हमें यह यक़ीनन समझ में आता है कि काफ़िर हमेशा के लिए जहन्नम में रहेंगे, जबकि कोई मोमिन कितना ही गुनाहगार क्यों न हो, वह हमेशा के लिए जहन्नम में नहीं रहेगा। साथ ही यह बात भी स्पष्ट होती है कि काफ़िरों के छोटे बच्चे जहन्नम में नहीं भेजे जाएंगे, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को न तो पहचाना और न झुठलाया।
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सूरह अल-मायदा आयत 10 तफ़सीर