कुरान - 5:9 सूरह अल-मायदा अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَعَدَ ٱللَّهُ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ لَهُم مَّغۡفِرَةٞ وَأَجۡرٌ عَظِيمٞ

अनुवाद -

"अल्लाह ने उन लोगों से वादा किया है जो ईमान लाए और नेक अमल किए [48], कि उनके लिए है मग़फ़िरत (बख़्शिश) और बहुत बड़ा इनाम [49]।"

सूरह अल-मायदा आयत 9 तफ़सीर


📖 सूरा अल-माइदा – आयत 9 की तफ़्सीर

 

✅ [48] ईमान और नेक अमल का रिश्ता

  • इस आयत से दो महत्वपूर्ण बातें सामने आती हैं:
    • ईमान (विश्वास) को अमल (कर्मों) पर प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि पहले ईमान का ज़िक्र आया है।
    • लेकिन अकेला ईमान काफ़ी नहीं — अच्छे कर्म ज़रूरी हैं
      ➤ जैसे पेड़ की जड़ ईमान है और शाखाएं-अमल हैं — फल वही पाएगा जो दोनों की हिफ़ाज़त करेगा।

✅ [49] बख़्शिश और बड़े इनाम का वादा

  • अल्लाह ने वादा किया है:
    • हर परहेज़गार (taqwa वाला) और नेक मुसलमान को:
      • मग़फ़िरत (गुनाहों की माफ़ी),
      • और अज़ीम इनाम (स्वर्ग/जन्नत) मिलेगा।
  • लेकिन इस वादे की शर्त है:
    • किस हाल में मौत आई – अगर कोई ईमान से हट गया (कुफ़्र में मरा), तो यह वादा उस पर लागू नहीं होता।
  • अल्लाह का वादा हमेशा सच्चा होता है,
    • मगर बंदे अकसर अपने वादों में बेवफ़ा निकलते हैं।

Sign up for Newsletter

×

📱 Download Our Quran App

For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.

Download Now