कुरान - 4:155 सूरह अन-निसा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

فَبِمَا نَقۡضِهِم مِّيثَٰقَهُمۡ وَكُفۡرِهِم بِـَٔايَٰتِ ٱللَّهِ وَقَتۡلِهِمُ ٱلۡأَنۢبِيَآءَ بِغَيۡرِ حَقّٖ وَقَوۡلِهِمۡ قُلُوبُنَا غُلۡفُۢۚ بَلۡ طَبَعَ ٱللَّهُ عَلَيۡهَا بِكُفۡرِهِمۡ فَلَا يُؤۡمِنُونَ إِلَّا قَلِيلٗا

फिर उनके अपने वचन को तोड़ देने ही के कारण (हमने उनपर ला'नत की) और उनके अल्लाह की आयतों का इनकार करने और उनके नबियों को बिना किसी अधिकार के क़त्ल करने तथा उनके यह कहने के कारण कि हमारे दिल आवरण में सुरक्षित हैं, बल्कि अल्लाह ने उनपर उनके कुफ़्र की वजह से मुहर लगा दी है। अतः वे बहुत कम ही ईमान लाते हैं।

Sign up for Newsletter

×

📱 Download Our Quran App

For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.

Download Now