कुरान - 4:108 सूरह अन-निसा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

يَسۡتَخۡفُونَ مِنَ ٱلنَّاسِ وَلَا يَسۡتَخۡفُونَ مِنَ ٱللَّهِ وَهُوَ مَعَهُمۡ إِذۡ يُبَيِّتُونَ مَا لَا يَرۡضَىٰ مِنَ ٱلۡقَوۡلِۚ وَكَانَ ٱللَّهُ بِمَا يَعۡمَلُونَ مُحِيطًا

वे लोगों से छिपते हैं, परंतु अल्लाह से नहीं छिपते। हालाँकि वह उनके साथ होता है, जब वे रात में उस बात की गुप्त योजना बनाते हैं, जिससे वह प्रसन्न नहीं[72] होता। तथा वे जो कुछ करते हैं, अल्लाह उसे घेरे हुए है।

सूरह अन-निसा आयत 108 तफ़सीर


72. आयत का भावार्थ यह है कि मुसलमानों को अपना सहधर्मी अथवा अपनी जाति या परिवार का होने के कारण किसी अपराधी का पक्षपात नहीं करना चाहिए। क्योंकि संसार न जाने, परंतु अल्लाह तो जानता है कि कौन अपराधी है, कौन नहीं।

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