कुरान - 4:96 सूरह अन-निसा अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

دَرَجَٰتٖ مِّنۡهُ وَمَغۡفِرَةٗ وَرَحۡمَةٗۚ وَكَانَ ٱللَّهُ غَفُورٗا رَّحِيمًا

अनुवाद -

ये दर्जे, मग़फ़िरत और रहमत [310] सब अल्लाह की तरफ़ से हैं। और अल्लाह हमेशा माफ़ करने वाला, रहमत वाला है।

सूरह अन-निसा आयत 96 तफ़सीर


📖 सूरा अन-निसा – आयत 96 की तफ़्सीर

 

✅ [310] जिहाद की ताक़त — बड़े गुनाह भी माफ़

इस आयत में "मग़फ़िरत" और "रहमत" का ज़िक्र यह बताता है कि:

  • अल्लाह की राह में जिहाद में शामिल होना इतना बड़ा अमल है कि बड़े से बड़ा गुनाह भी माफ़ हो सकता है।
  • ऐसी माफ़ी का दर्जा इतना ऊँचा है कि बहुत-सी इबादतें और नेक अमल भी शायद उस गुनाह को साफ़ न कर पाएं, मगर सच्चे जिहाद से वो पूरी तरह मिट सकता है।
  • यह साबित करता है कि अल्लाह की राह में सच्ची कोशिश इंसान को सिर्फ़ दर्ज़ा-ए-इज़्ज़त ही नहीं देती, बल्कि पूरा गुनाह माफ़ कराकर रहमत में लपेट लेती है।

Sign up for Newsletter

×

📱 Download Our Quran App

For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.

Download Now