कुरान - 4:30 सूरह अन-निसा अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَمَن يَفۡعَلۡ ذَٰلِكَ عُدۡوَٰنٗا وَظُلۡمٗا فَسَوۡفَ نُصۡلِيهِ نَارٗاۚ وَكَانَ ذَٰلِكَ عَلَى ٱللَّهِ يَسِيرًا

अनुवाद -

और जो कोई यह काम ज़्यादती और नाइंसाफ़ी के साथ करेगा, तो हम उसे यक़ीनन आग में दाख़िल करेंगे [120], और यह अल्लाह के लिए बहुत आसान है।

सूरह अन-निसा आयत 30 तफ़सीर


📖 सूरह अन-निसा – आयत 30 की तफ़्सीर

 

✅ [120] नाजायज़ क़त्ल या माल हथियाना जहन्नम का कारण है

यह आयत उन लोगों के लिए सख़्त चेतावनी है जो:

  • किसी को नाजायज़ तौर पर क़त्ल करते हैं,
  • या किसी का माल नाहक़ तरीक़े से खाते हैं,
  • या जान-बूझकर और बिना हक़ के इन दोनों में से कोई अमल करते हैं।

अल्लाह साफ़ फ़रमाता है:
जो ज़ुल्म और ज्यादती के साथ ऐसा करेगा,
उसे जहन्नम में डाल दिया जाएगा — और यह अल्लाह के लिए कोई मुश्किल बात नहीं।

लेकिन:
इस आयत में "नाइंसाफ़ी" की शर्त यह भी दिखाती है कि:
अगर कोई जान इस्लामी क़ानून के तहत ली गई हो, जैसे:

  • शरई अदालत द्वारा दी गई सज़ा-ए-मौत,
  • कातिल या ज़ानी की सज़ा में क़त्ल,
  • हथियारबंद डाकू को मारना,
    तो ये अमल गुनाह नहीं हैं, क्योंकि ये ईश्वरीय और क़ानूनी इजाज़त के तहत होते हैं।

यह फर्क इंसाफ़ को क़ायम करता है,
और बग़ैर कानून के अपनी मनमानी से क़त्ल करने को रोकता है।

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