"जिन लोगों की रूह फ़रिश्ते इस हाल में क़ब्ज़ करेंगे कि वो अपने ही ऊपर ज़ुल्म कर रहे थे [311], तो फ़रिश्ते उनसे पूछेंगे — ‘तुम किस हालत में थे?’ वो कहेंगे — ‘हम तो ज़मीन में कमज़ोर थे।’ फ़रिश्ते कहेंगे — ‘क्या अल्लाह की ज़मीन इतनी खुली नहीं थी कि तुम हिजरत कर लेते [312]?’ तो इनका ठिकाना जहन्नम है, और वो क्या ही बुरा ठिकाना है।"
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सूरह अन-निसा आयत 97 तफ़सीर