कुरान - 4:9 सूरह अन-निसा अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَلۡيَخۡشَ ٱلَّذِينَ لَوۡ تَرَكُواْ مِنۡ خَلۡفِهِمۡ ذُرِّيَّةٗ ضِعَٰفًا خَافُواْ عَلَيۡهِمۡ فَلۡيَتَّقُواْ ٱللَّهَ وَلۡيَقُولُواْ قَوۡلٗا سَدِيدًا

अनुवाद -

और (वसी और संरक्षक) लोग डरें [28], यदि वे अपने पीछे कमज़ोर औलाद छोड़ जाते और उनके बारे में डरते, तो जैसा वे अपने लिए चाहते हैं, वैसा ही दूसरों के लिए भी चाहें। लिहाज़ा अल्लाह से डरें और सीधी बात कहें [29]।

सूरह अन-निसा आयत 9 तफ़सीर


📖 सूरा अन-निसा – आयत 9 की तफ़्सीर

 

✅ [28] संरक्षकों का अनाथों से सहानुभूति रखना

जो लोग वसी या संरक्षक हैं, उन्हें चाहिए कि वे अनाथों के साथ वैसा ही सुलूक करें, जैसा वे चाहते कि लोग उनकी अपनी औलाद के साथ करें। उन्हें सोचना चाहिए: "अगर मेरी मौत के बाद मेरी औलाद कमज़ोर होती, तो मैं दूसरों से कैसा बर्ताव चाहता?" यह आयत एक उत्कृष्ट नैतिक सबक देती है:
दूसरों के लिए वही चाहो, जो अपने लिए चाहते हो। यही उसूल इंसाफ़, रहम और सच्ची देखभाल की बुनियाद है।

✅ [29] सही बात कहना और नेक मशवरा देना

"सीधी बात कहें" से मुराद है:
जो शख़्स किसी मरने वाले के पास मौजूद हो, उसे चाहिए कि:

  • अच्छी बातें कहे
  • सदक़ा देने की तर्जीह दे
  • बेहतर वसीयत की नसीहत करे
  • औलाद के लिए हक़दार मीरास छोड़ने की तालीम दे
  • और मौत के वक़्त कलिमा तय्यिबा बुलंद आवाज़ में पढ़े

इसी तरह, अनाथ से सीधी बात करने का मतलब है कि संरक्षक:

  • उसके साथ शफ़क़त और मोहब्बत से पेश आए
  • उसे बेहतरीन तालीम दे
  • उसे रोज़गार के क़ाबिल बनाए
  • और उसे ख़ुदमुख़्तार ज़िंदगी के लिए तैयार करे

यानी: जैसे अपनी औलाद से करते, वैसे ही अनाथों से पेश आएँ — इज़्ज़त, मोहब्बत और मुस्‍तक़बिल की परवाह के साथ।

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