क्या उनके लिए बादशाही में कोई हिस्सा है? [188] तब तो वे लोगों को खजूर की गुठली की झिल्ली के बराबर भी न दें।
यह आयत यहूदियों के घमंड को झुठलाने के लिए उतरी, जिन्होंने दावा किया: हम बनी इस्राईल हैं, इसलिए नबूवत और बादशाही के हक़दार हम ही हैं।
इसी घमंड में उन्होंने कहा: हम एक अरबी नबी (मुहम्मद ﷺ) की पैरवी कैसे करें?
यह आयत उनके झूठे एहसास-ए-बढ़त, हसरत और तंगदिली को बेनक़ाब करती है।
अल्लाह फ़रमाता है: अगर उनके पास बादशाही में कोई हिस्सा होता, तो वे दूसरों को खजूर की गुठली की झिल्ली जितना भी फायदा न देते।
यह आयत बताती है कि उनका हक़ीक़ी मसला घमंड और हसद था — ख़ासकर अरबों से, और विशेष रूप से रसूल ﷺ से।
वे सच्चाई को मानने को तैयार न थे, सिर्फ़ इसलिए कि वह उनकी नस्ल से नहीं आई थी।
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सूरह अन-निसा आयत 53 तफ़सीर