10. उनके दिलों में एक बीमारी है, तो अल्लाह ने उनकी बीमारी और बढ़ा दी, और उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है क्योंकि वो झूठ बोलते हैं। [26]
आयत 10 (सूरह अल-बक़रह) — तफ़सीर और समझ
10. उनके दिलों में एक बीमारी है, तो अल्लाह ने उनकी बीमारी और बढ़ा दी, और उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है क्योंकि वो झूठ बोलते हैं। [26]
➡️ “उनके दिलों में बीमारी है…”
इससे मुराद है कि उनके दिल सच्चाई से हट चुके हैं, और उन में हक़ से नफरत, शक, और खुदगर्ज़ी जैसी बीमारियाँ पैदा हो चुकी हैं।
➡️ ये बीमारी मामूली नहीं है — यह रूहानी बीमारी (spiritual disease) है।
मुनाफिक़ (दिखावे वाले मुसलमान) वही होते हैं जो ज़बान से कहते हैं "हम मानते हैं", लेकिन दिल से इंकार करते हैं।
➡️ जब इंसान बार-बार हक़ को झुटलाता है, तो फिर अल्लाह उसके दिल को और सख़्त कर देता है।
यानी जब कोई इरादतन (जान-बूझकर) झूठ और फ़रेब पर चलता है, तो फिर अल्लाह उसे उसी में छोड़ देता है।
👉 यह सज़ा का एक तरीक़ा है — यानी “अब तू सच में बदलना नहीं चाहता, तो जा, और बिगड़।”
➡️ “क्योंकि वो झूठ बोलते हैं।”
इसका मतलब यह है कि:
👉 इसलिए उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है — क्योंकि उनका झूठ अल्लाह और उसके दीन के खिलाफ़ था।
सीख:
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सूरह अल-बक़रा आयत 10 तफ़सीर