5. यही लोग हैं जो अपने रब की तरफ़ से हिदायत पर हैं [18], और वही हैं जो कामयाब होंगे। [18]
➡️ "अपने रब की तरफ़ से हिदायत पर हैं"
यह बात उन लोगों के बारे में कही जा रही है जो पिछले आयतों में बताए गए:
ऐसे लोग अल्लाह की तरफ़ से दी गई हिदायत (सीधा रास्ता) पर हैं। ये हिदायत कोई आम समझ या ज़ाहिरी ज्ञान नहीं, बल्कि अल्लाह का तोहफ़ा (इनाम) है।
👉 इंसान अगर खुद से भी सही राह तलाश करे, तब भी असली और स्थायी (permanent) हिदायत सिर्फ़ अल्लाह की मेहरबानी से मिलती है।
अगर अल्लाह किसी को सीधी राह पर चला दे, तो वही इंसान गुमराही से बचा रहता है। वरना सिर्फ़ ज़ाहिरी जानकारी या थोड़े वक्त की समझ से कोई भी इंसान भटक सकता है।
➡️ "और वही लोग हैं जो कामयाब होंगे"
यहां बताया गया कि कामयाबी क्या है?
आज की दुनिया में हम अक्सर समझते हैं कि:
लेकिन कुरआन का मयार (scale) अलग है।
👉 सच्ची कामयाबी ये है कि:
कुरआन की दूसरी आयत (सूरह अल-आ'ला 87:14) में अल्लाह फ़रमाते हैं:
"बेशक वो कामयाब हुआ जिसने अपने आप को पाक (शुद्ध) किया।"
यानी जिसने अपने दिल और अमल को साफ़ किया, और गुनाहों से बचा।
नतीजा:
इस आयत से हमें तीन अहम बातें सीखने को मिलती हैं:
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सूरह अल-बक़रा आयत 5 तफ़सीर