[201] "और उनमें से कुछ ऐसा कहते हैं: 'हे हमारे रब! हमें इस दुनिया और आने वाले जहां की भलाई दे, और हमें जहन्नम की आग के सज़ा से बचा।'" [472]
यह एक व्यापक दुआ है। यह ताक़तवर दुआ पूरी भलाई माँगती है: दुनिया और आख़िरत दोनों में भलाई, और जहन्नम की आग से सुरक्षा। यह एक सच्चे मुमिन के संतुलित नजरिए को दर्शाता है, जो केवल सांसारिक सफलता पर ध्यान नहीं देता। पैग़ंबर ﷺ अक्सर इस दुआ को पढ़ते थे, खासकर हज और अन्य महत्वपूर्ण इबादतों के दौरान।
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सूरह अल-बक़रा आयत 201 तफ़सीर