121. जिन लोगों को हमने किताब दी है [242] वे उसे उसी तरह पढ़ते हैं जैसे पढ़ा जाना चाहिए।
वे ही उस पर ईमान लाते हैं।
और जो उस पर इनकार करते हैं—वे ही हारे हुए हैं।
📖 सूरह अल-बकरा – आयत 121
“जिन लोगों को हमने किताब दी है [242] वे उसे उसी तरह पढ़ते हैं जैसे पढ़ा जाना चाहिए। वे ही उस पर ईमान लाते हैं। और जो उस पर इनकार करते हैं—वे ही हारे हुए हैं।”
✅ [242] सच्चे अहल-किताब वे हैं जो ईमानदारी से अमल करते हैं
इस आयत से हमें पता चलता है कि असली अहल-किताब केवल वे हैं जो:
सिर्फ "अहल-किताब" कहलाना जबकि वे किताबों का ग़लत इस्तेमाल करें, ग़लत पढ़ें या तोड़-मरोड़ कर पेश करें, सिर्फ दिखावा है और उनकी दावेदारी बेकार कर देता है।
🕊️ एक सच्चा मुमिन वह है जो:
इसलिए, जो लोग पैगंबर मुहम्मद ﷺ पर ईमान लाते हैं, वे पहले की किताबों के असली अनुयायी हैं।
📌 इसके उलट, जो लोग पैगंबर ﷺ को ठुकराते हैं, जबकि दावा करते हैं कि वे पुरानी किताबों का पालन करते हैं, वे उन किताबों के सच्चे अनुयायी नहीं माने जाते।
For a faster and smoother experience,
install our mobile app now.
सूरह अल-बक़रा आयत 121 तफ़सीर