कुरान - 2:209 सूरह अल-बक़रा अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

فَإِن زَلَلۡتُم مِّنۢ بَعۡدِ مَا جَآءَتۡكُمُ ٱلۡبَيِّنَٰتُ فَٱعۡلَمُوٓاْ أَنَّ ٱللَّهَ عَزِيزٌ حَكِيمٌ

अनुवाद -

209. "और अगर तुम स्पष्ट हुक्म मिलने के बाद भी फिसल जाओ, तो जान लो कि अल्लाह ताक़तवर, बहुत ही बुद्धिमान है।" [485]

सूरह अल-बक़रा आयत 209 तफ़सीर


[485] जान-बूझकर गुनाह करने की बड़ी जवाबदेही

  • यह आयत हमें सिखाती है कि जब साफ़ और स्पष्ट हिदायत मिल जाए, तब भी अगर कोई जानबूझकर उस हिदायत के खिलाफ़ काम करे, तो उसका गुनाह और भी ज़्यादा गंभीर होता है।
  • जो लोग बिना जानकारी या समझ के गलती करते हैं, उनसे उनका हिसाब अलग है, लेकिन जो हिदायत मिलने के बाद भी फिसल जाते हैं, उन्हें सख़्त सज़ा मिलती है।
  • अल्लाह बहुत ताक़तवर (मज़बूत) है, वह न्याय कड़ाई से करता है।
  • साथ ही वह बहुत बुद्धिमान (हकीम) भी है, उसके फैसले हमेशा सही और न्यायपूर्ण होते हैं।
  • इसलिए, हिदायत मिलने के बाद हमें अपनी हरकतों पर खास ध्यान देना चाहिए।

नतीजा (सबक़):
👉 स्पष्ट हिदायत मिलने के बाद भी गलती करना बड़ा गुनाह है।
👉 अल्लाह का न्याय बहुत तेज़ और सही होता है।
👉 हमें हमेशा अल्लाह की हिदायतों का पूरा ख्याल रखना चाहिए।

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